भौगोलिक स्थिति
ललितपुर जिला एक पहाड़ी शहर बुंदेलखंड का हिस्सा है जिसके उत्तर में यमुना नदी बहती है एवं दक्षिण में विंध्य पर्वत श्रखला है। जिले के चरम दक्षिण भाग में लंबे और संकीर्ण चोटी वाले पहाड़ियों की समानांतर पंक्तियों स्थित हैं जिसके बीच से नदियां बहती है तथा यहाँ उत्तरी भाग में ग्रेनाइट चेन धीरे-धीरे छोटी पहाड़ियों के समूह में तब्दील हो गई हैं।
ललितपुर में बेतवा नदी जिले की उत्तरी और पश्चिमी सीमा के रूप में स्थित है जिसके कारण जिले का काफी हिस्सा जल में निहित है। जामनी नदी जो बेतवा नदी की एक सहायक नदी है वह जिले की पूर्वी सीमा तथा धसन नदी जिले की दक्षिण-पूर्वी सीमा के रूप में स्थित है और जिले का दक्षिणपूर्वी भाग इन दादियों के जल विभाजन में स्थित है।
स्थलाकृति
ललितपुर जिला आम तौर पर एक चट्टानी क्षेत्र है जिसके चरम दक्षिण में इस जिले की उच्चतम भूमि स्थित है। यह जिला समुद्र के स्तर से 650 मीटर के ऊपर स्थित है। ललितपुर के उत्तरी भाग में काली मिट्टी के लहरदार मैदान हैं जिसमे छोटी-छोटी पहाड़ियां एवं जल स्रोतों के नाले बिखरे हुए हैं। इसके साथ-साथ इस जिले के उत्तर पश्चिम एवं दक्षिण पश्चिम भाग में ग्रेनाइट के छोटे लाल चट्टान मौजूद हैं।
जिले का प्रमुख हिस्सा जामनी नदी तथा इसकी सहायक नदियों द्वारा सींचा जाता है जो इस जिले की पूर्वी सीमा के रूप में बहतीं हैं। इसके साथ-साथ बेतवा नदी जिले के पच्छिमी भाग को सींचित कर जिले के पश्चिमी तथा उत्तरी भाग की सीमा के रूप में बहती है। इसके अलावा जिले का दक्षिण पूर्वी भाग धसन नदी द्वारा सींचित है तथा जिले का उत्तरी भाग ढलान क्षेत्र है।
भूमि
ललितपुर की मिट्टी बुंदेलखंड क्षेत्र की मिट्टी के सामान होती है तथा यह चार प्रकार की होती है जो कि विंध्य पर्वत श्रृंखला के चट्टानों द्वारा निर्मित है जो कि ग्रेनाइट, क्वार्टजाइट तथा चूना पत्थर से गठित है।
जिले की मिट्टी को मोटे तौर पर दो समूहों में बनता गया है जो कि लाल एवं काली मिट्टी है जिनको और भी वर्गीकृत किया गया है:
बुंदेलखंड टाइप 1
यह लाल मिट्टी है जो स्थानीय भाषा में रकार के नाम से जानी जाती है। यह आगे बुंदेलखंड 1 ए और बुंदेलखंड 1 बी में वर्गीकृत है।
बुंदेलखंड 1 ए मुख्य रूप से इस जिले के दक्षिणी भाग में चट्टानी इलाकों में मौजूद है जबकि बुंदेलखंड 1 बी जिले के उत्तरी भाग में मौजूद है। हालाँकि यह भूमि खेती के लिए पर्याप्त नहीं है पर इसे वनीकरण के लिए उपयोग किया जाता है।
बुंदेलखंड टाइप -2
यह भी लाल मिट्टी जो स्थानीय स्तर पर परुआ के नाम से जानी जाती है। यह भी बुंदेलखंड प्रकार 2 ए और बुंदेलखंड प्रकार 2 बी में विभाजित है। यह बनावट में रेतीली दोमट है तथा यह रंग में हलके से गहरे भूरे रंग की होती है तथा इसे खेती के लिए अच्छी सींचाई की जरुरत पड़ती है।
बुंदेलखंड टाइप -3
यह मिट्टी एक प्रकार की काली मिट्टी है जो की दो प्रकार की मिट्टियों में विभाजित है 3 ए और 3 बी।
बुंदेलखंड टाइप -3 ए प्रकार की मिट्टी थानीय स्तर पर काबर के नाम से जानी जाती है तथा यह जिले के दक्षिणी भाग में पाई जाती है। यह मिटटी बनावट में सुक्ष्म दोमट होती है तथा इसमें उच्च मिट्टी के तत्व होते हैं। यह मिट्टी काफी उत्पादक होती है परन्तु इसके साथ बहुत सावधानी और समय प्रबंधन की जरूरत होती है।
बुंदेलखंड टाइप -3 बी मिट्टी स्थानीय स्तर पर मार के नाम से जनि जाती है जो कि जिले के दक्षिणी क्षेत्र बालाबेहट में पाई जाती है। यह मिट्टी चिकनी एवं काली होती है। यह मिट्टी पानी बनाए रखने वाली होती है इसलिए इसमें जल का निकास अच्छे से नहीं हो पाता इसीलिए इस मिटटी का नियंत्रण करना आवश्यक होता है।
उपरोक्त वर्णित मिट्टियों के अलावा ललितपुर में एक और प्रकार की मिट्टी पाई जाती है जो कि कछार मिट्टी है। यह मिटटी जिले के पश्चिमी भाग में पाई जाती है।
जलवायु
ललितपुर की जलवायु उपोष्णकटिबंधीय होती है जिसमें शुष्क और गर्म गर्मियां एवं ठंडी सर्दियाँ होती हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र के बाकी जिलों की तरह ललितपुर में भी चार ऋतुएं होती है जो इस प्रकार हैं वसन्त, ग्रीष्म, शरद् तथा शिशिर।