उत्तर प्रदेश माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं वृद्धाश्रमों का संचालन
दिनांक : 01/01/2014 - 30/06/2024
- उत्तर प्रदेश माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण नियमावली, 2014 प्रख्यापित कर, नियमावली में दिये गये प्राविधानों के अनुसार प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में वृद्धाश्रमों का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में संचालित वृद्धाश्रम की क्षमता 150 वृद्ध संवासियों की है। स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से पी0पी0पी0 माडल पर संचालित वृद्धाश्रम में प्रति वृद्ध संवासी हेतु निःशुल्क आवास, भोजन, वस्त्र, औषधि, मनोरंजन, पर्सनल केयर की सामग्री की पूर्ण सुविधा प्रदान की जा रही है। इन वृद्धाश्रमों में वृद्धजनों हेतु शुद्ध पेय जल (आर0ओ0) की व्यवस्था है।
- ऐसे वृद्धजन, जो रेलवे स्टेशनो, बस स्टेशनो आदि से जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, पुलिस अथवा जिला समाज कल्याण अधिकारी के सम्पर्क में आते हैं, जिनके पास रहने, खाने की व्यवस्था नहीं है तथा माननीय संसद, माननीय विधायकगण अथवा अन्य किसी गणमान्य जनप्रतिनिधि द्वारा जरूरतमंद वृद्ध के प्रवेश के सम्बन्ध में संस्तुति की जाती है, तो ऐसे प्रकरणों में जिलाधिकारी की सहमति से जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा वृद्धाश्रम मे रखे जाने की अनुमति दी जायेगी।
- वृद्धजनों के भरण-पोषण सम्बन्धी प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई के दौरान गठित अधिकरण के संज्ञान में यदि आता है कि भरण-पोषण करने वाले वृद्धजनों के वारिस उन्हें अपने साथ रखना नहीं चाहते हैं तो ऐसे वृद्धजनों की सुनवाई के दौरान उनके अपने खर्च पर वृद्धाश्रम में रखने की अनुमति दी जायेगी।
- विभिन्न स्तरों पर आश्रमों में प्रवेश हेतु वृद्धजनों के प्राप्त प्रार्थना पत्रों का परीक्षण करके प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु निम्नलिखित समिति गठन की गई है, जिसका विवरण निम्नवत् है:-
- जिला समाज कल्याण अधिकारी/भरण-पोषण अधिकारी – अध्यक्ष
- मुख्य विकास अधिकारी द्वारा नामित खण्ड विकास अधिकारी – सदस्य
- नगर निकाय का प्रतिनिधि – सदस्य
- संस्था का प्रबन्धक – सदस्य – सचिव
- वृद्धाश्रम का अधीक्षक – सदस्य
लाभार्थी:
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक
लाभ:
ऐसे वृद्धजन, जो रेलवे स्टेशनो, बस स्टेशनो आदि से जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, पुलिस अथवा जिला समाज कल्याण अधिकारी के सम्पर्क में आते हैं, जिनके पास रहने, खाने की व्यवस्था नहीं है तथा माननीय संसद, माननीय विधायकगण अथवा अन्य किसी गणमान्य जनप्रतिनिधि द्वारा जरूरतमंद वृद्ध के प्रवेश के सम्बन्ध में संस्तुति की जाती है, तो ऐसे प्रकरणों में जिलाधिकारी की सहमति से जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा वृद्धाश्रम मे रखे जाने की अनुमति दी जायेगी।
आवेदन कैसे करें
जिला समाज कल्याण अधिकारी/भरण-पोषण अधिकारी या मुख्य विकास अधिकारी द्वारा नामित खण्ड विकास अधिकारी से संपर्क करने पर