राजघाट बाँध
इस आधुनिक स्मारक की आधारशिला स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा सन् 1971 ई. में रखी गई थी। . उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की सीमा पर अवस्थित यह बांध बेतवा नदी पर बनाया गया है। बांध द्वारा बनाया गया जलग्रहण क्षेत्र करीब 17000 वर्ग किलोमीटर है, जिससे लगभग 70 गांव डूब गये है।
तीन नहर इस बांध से पानी वितरित करते हैं, जिसमें से दो उत्तर प्रदेश को पानी की आपूर्ति करते हैं, जबकि एक नहर मध्य प्रदेश को पानी की आपूर्ति करता है। 15 मेगावाट की तीन टर्बाइनें बिजली उत्पादन के लिए स्थापित हैं।
यहाँ निर्मित रेत की बैरियर की लंबाई 11 किलोमीटर से अधिक है, जो एशिया में किसी भी बांध में सबसे लंबा है। सीमेंट बांध 600 मीटर लंबा और 73.5 मीटर ऊँचा है। प्राचीन गाँव जैसे पंचमनगर, बारी, टोडा, सिरसौर, नरेड़ी, जल में खो गये थे और इन स्थानों से बरामद मूर्तियों को रामनगर पैलेस संग्रहालय में एकित्रत किया गया है।
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
भोपाल अथवा ग्वालियर एअरपोर्ट निकटतम हैं |
ट्रेन द्वारा
ललितपुर रेलवे स्टेशन
सड़क के द्वारा
राजघाट रोड