इतिहास
महाराजा सुम्मेर सिंह की धर्म पत्नी ललिता देवी के नाम पर जनपद का नाम ललितपुर पड़ा । ऐसा मानते हैं कि महाराज सुम्मेर सिंह को तालाब में स्नान करने पर चर्मरोग से मुक्ति मिली और फिर उन्हीं के नाम पर तालाब का नाम सुम्मेरा तालाब पड़ा। ललितपुर को 1974 में जिले का दर्जा प्राप्त हुआ। ललितपुर उत्तर प्रदेश में एक जिला है जो झांसी डिवीजन का एक हिस्सा है। ललितपुर मुख्य शहर और प्रशासनिक मुख्यालय है जिसका भौगोलिक क्षेत्र लगभग 5039 वर्ग मीटर है अथवा जनसँख्या 2011 जनगणना के अनुसार 977,447 है।
यह माना जाता है कि पहले ललितपुर चंदेरी का एक भाग था जिसे 17 वीं सदी में एक बुंदेला राजपूत ने खोजा था। 18 वीं सदी में बुंदेलखंड के साथ चंदेरी राज्य मराठा योद्धा के नेतृत्व में आ गया, लेकिन जल्द ही 1811 में इस पर ग्वालियर के राजा दौलत राव सिंधिया ने कब्ज़ा कर लिया। 1844 में, चंदेरी के राज्य को अंग्रेज़ों को सौंप दिया गया जो ब्रिटिश भारत का चंदेरी जिला बन गया जिसका जिला मुख्यालय ललितपुर था । 1857 के विद्रोह में, ब्रिटिशों ने यह राज्य खो दिया परन्तु 1858 तक अंग्रजों ने इस राज्य पर दोबारा कब्ज़ा कर लिया अथवा इसका पुन:नामकरण कर दिया ललितपुर के नाम से अथवा यह झाँसी जिले का हिस्सा बना दिया गया 1891 से 1974 तक।
अंततः वर्ष 1974 में ललितपुर एक स्वतंत्र जिले में तब्दील हो गया जो कि बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित एक हृदय के आकार का जिला है। यह जिला पूरी तरह से मध्य प्रदेश से घिरा हुआ है अथवा पूर्वोत्तर दिशा में से उत्तर प्रदेश के झाँसी मंडल से जुड़ा हुआ है।